टप्पू ने सोनू की मार ली ये सुन कर भिड़े घर से बहार आया.... जेठा ने बबीता की ले ली.. ये सुन अय्यर बहार आया और चाचाजी ने अंजलि का बाजा दिया ये सुन कर मेहता बहार आया.. सबके अपनी गांधी सोच लगा ली थी लेकिन हकीकत ये थी की... टप्पू ने सोनू की किताब मार ली थी जेठा ने बबीता की चाय ले ली थी और चाचाजी ने अंजलि का टेबल बाजा दिया था... सब लडने लगे... टप्पू जेठा और चाचाजी को नंगा कर दिया गया... तीनों शर्म की बातें,.. अनके लुंड को सोया हुआ यह डब्ल्यूओ किशोर... सबको सचाई का पीटी चला तब तक डर हो चुकी थी... गदा परिवार गोकुल धाम को छोड़ने के लिए तेयार हो गया... एक शार्ट पे रुकना ताय हुआ जो सोचा गया वो हकीकत होव... और डायलॉग सच सबित ह्यू।



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