बेटा, मस्ती नहीं - तारक मेहता का उल्टा चश्मा का पाठ इलेक्ट्रॉनिक्स
**परोतलाल**: (भौहें उठाते हुए) शरारत? जेठा, आपको याद है गोली बेटा, मज़ा नहीं!
**दया**: (नाश्ते की ट्रे के साथ प्रवेश करती है) अरे जेठा, तुम रसोई में क्या कर रहे हो?
**जेठालाल**: (उत्साह से) दया, आज हम गोली को एक मस्ती सिखाने वाले थे, वो भी हमारे समय के मजाक से!
**जेठालाल**: (डरते हुए) हां, भिड़े भाई, वो तो बस छोटा सा जजाक था। कोई गंभीर बात नहीं.
**गोली**: (निराश भाव से प्रवेश करते हुए) पिताजी, मुझे पता चला कि आप इस शरारत के लिए मुझसे नाराज हैं।
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